गूँज रही इन लाखों आवाज़ों में, शब्द तलाशती वो दबी आवाज़ गूँज रही इन लाखों आवाज़ों में, शब्द तलाशती वो दबी आवाज़
रोके से भी नहीं रुकता काफिला खबरों का रोके से भी नहीं रुकता काफिला खबरों का
आप फिर से मिलेंगे क्या बहुत कुछ बाते हैं बताने के लिये, आप फिर से मिलेंगे क्या बहुत कुछ बाते हैं बताने के लिये,
किरदारों में नए रूप में ढलते हुए, मैने देखा है औरतों को रोज एक नई औरत बनते हुए. किरदारों में नए रूप में ढलते हुए, मैने देखा है औरतों को रोज एक नई औरत बन...
घरेलू औरतें जब ख़ामोश होती हैं मन ही मन कुछ बुन रही होती हैं! घरेलू औरतें जब ख़ामोश होती हैं मन ही मन कुछ बुन रही होती हैं!